टेक्सटाइल उत्पादों पर जीएसटी 5% यथावत रखने हेतु वित्त मंत्री एवं गृह मंत्री को भेजा पत्र
1 जनवरी 2022 से टेक्सटाइल उत्पादों पर संभावित जीएसटी 12 % को 5% रखने हेतु पत्र भेजा है।कपड़े एवम कपड़े के जॉब कार्यपर जीएसटी 7% बढ़ोतरी हो जाने से एक तो अंतिम उपभोक्ता पर महंगा कपड़ा खरीदने की मजबूरी बन जाएगी
बालोतरा
भाजपा जिलाध्यक्ष महेश बी चौहान ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र भेजकर 1 जनवरी 2022 से टेक्सटाइल उत्पादों पर संभावित जीएसटी 12 % को 5% रखने हेतु पत्र भेजा है।कपड़े एवम कपड़े के जॉब कार्यपर जीएसटी 7% बढ़ोतरी हो जाने से एक तो अंतिम उपभोक्ता पर महंगा कपड़ा खरीदने की मजबूरी बन जाएगी दूसरा भारत को अन्य प्रतिस्पर्धी देशों जैसे बांग्लादेश ,चीन से बड़ी चुनौती मिलेगी। कपड़ा महंगा होने से अभी टेक्सटाइल की उत्पादन, प्रोसेसिंग, क्रय ,विक्रय, विपणन, आदि पूर्ण व्यवस्था जो GST की प्रक्रिया से होकर गुजर रही है वह कर बचाने के चक्कर में एक समानांतर बिना जीएसटी की प्रक्रिया से भी गुजर सकती है ।जिससे सरकार को GST का नुकसान भी होगा और समानान्तर अर्थव्यवस्था जैसे कि बिना gst के बिल के क्रय विक्रय का संचालन हो सकता है जो gst के लागू होने के मूल उद्देश्य को भी प्रभावित करेगी।गारमेंट क्षेत्र एवम जूतों पर भी 12% जीएसटी लगने से स्कूल यूनिफार्म ,स्कूल जूते जैसी बुनियादी वस्तुएं भी महंगी हो जाएगी। सामान्य जनता को इसका भार वहन करना पड़ेगा। टेक्सटाइल रंगाई छपाई में ज्यादातर गरीब एवं मध्यम वर्ग जॉब प्रोसेस कर रहे है।इस वर्ग द्वारा जीएसटी रिटर्न भी समयानुसार भरना भी मुश्किल है ।उन्हें अब पांच परसेंट की बजाय 12% की दर से जॉब करना पड़ेगा तथा संपूर्ण जॉब का ई वे बिल भी जारी करना पड़ेगा जो एक दूबर और मुश्किल काम है ।महेश बी चौहान ने वित्त मंत्री को आग्रह किया है कि टैक्सटाइल फैब्रिक कॉटन फैब्रिक गारमेंट पर जीएसटी दर को पूर्व की भांति पांच पर्सेंट पर ही रखा जावे।
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