स्कूल से छुट्टी के बाद अपना विवाह रूकवाने थाने पहुंची नौवीं की छात्रा.....
चित्तौडग़ढ़
कक्षा 9 की छात्रा ने स्वयं का बाल विवाह रुकवाने के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटाया। इस पर प्रशासन की ओर से छात्रा के परिजनों को बुलाकर बाल विवाह नहीं करवाने के लिए पाबंद किया गया। छात्रा सोमवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपना बाल विवाह रुकवाने के लिए पुलिस थाना पहुंची। जहां पर उसने पूरी बात थाना प्रभारी कैलाश चन्द्र सोनी को बताई। सोनी ने मामले की गंभरता का देखते हुए तुरंत ही उसे उपखण्ड अधिकारी के पास पहुंचाया। छात्रा ने उपखण्ड अधिकारी बिन्दु बाला राजावत से मिलकर उन्हें उसके परिजनों की ओर से उसका बाल विवाह कराने की जानकारी दी। उसने बताया कि बीते एक माह से उसे इस बात की जानकारी है कि उसके घर वाले उसके बाल विवाह की तैयारी कर रहें है। उसका बाल विवाह के 11 दिसंबर को होने कराया जा रहा है। उसने कहा कि वह पढऩा चाहती है और अभी विवाह नहीं करना चाहती। उपखण्ड अधिकारी को बताया कि उसकी भुआ अपने बेटे की शादी के बदले आंटे सांटे में उसका रिश्ता करना चाहती है। चूंकि उसकी उम्र अभी मात्र 15 वर्ष ही है तो वह अभी विवाह नहीं कर के अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है। ऐसे में छात्रा की बात सुनकर उपखण्ड अधिकारी बिन्दु बाला राजावत में तुरंत प्रभाव से छात्रा के परिजनों को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में बुलवाकर बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया तथा शपथ पत्र लिखवाया कि परिजन भविष्य में बाल विवाह नहीं करेंगे।महिला एवं बाल विकास विभाग भी पहुंचा मामले की जानकारी मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग से महिला पर्यवेक्षक दीपमाला शर्मा, प्रचेता ऊषा बैरागी, तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवती शर्मा भी मौके पर पहुंची तथा कृष्णा के परिजनों से मिलकर समझा इसकी एवं बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया।
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